लेखनी प्रतियोगिता -28-Jun-2022
रंग देखें हैं...
मिलने को तुझसे उजालों का इंतज़ार करता हूँ
मैंने रातों के भी रंग देखे हैं
आज तेरी नज़दीकियों का एहसास हुआ हैं
मैंने फासलों के भी रंग देखें हैं
तुझसें जुदा हुआ तो महसूस हुआ हैं
मैंने यादों के भी रंग देखें हैं
मैं छाऊ में साथ तेरे चलना चाहता हुँ
मैंने धूपों के भी रंग देखे हैं
फूलों की खुश्बूं को साथ महसूस करना चाहता हुँ
मैंने चुभते काँटों के भी रंग देखें हैं
तुम आज मेरे साथ हो, कऱीब हो
मैंने दुआओं के भी रंग देखें हैं
मेरे ख़्वाबों को जो तुने रंग दिए हैं
मैंने उन ख़्वाबों को भी बेरंग देखें हैं
मैंने जो वक़्त सोचा हैं तेरे साथ
वो सारे मैंने ख़्वाबों में देखें हैं
वो जो बस क़िताबों में लिखा होता हैं लम्हा
वो सारे मैंने तेरे संग सोचें हैं...
Seema Priyadarshini sahay
01-Jul-2022 10:59 AM
बहुत खूबसूरत
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Pallavi
29-Jun-2022 06:53 PM
Nice 👍
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Shnaya
29-Jun-2022 03:34 PM
शानदार
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